मैं सपनो में रेहजना चाहता हूँ।
एक सपना जिसे हकीकत में जीना चाहता हूँ,
तू अपनी है तुझे ज़माने से लड़कर पाना चाहता हूँ,
अगर ऐसा नहीं हुआ तो सपनो में ही खोजना चाहता हूँ ।
आज मैंने फिर वही सपना देखा, जिसका कोई वजूद ही नहीं। मैं नहीं जनता उसे देख मुझे क्या हो जाता है, लेकिन दिन बेचैन सा महसूस करता हूँ, नींद टूट जाने पर भी उसे फिर से सपने में देखने की चाहत होती है। वो इतनी भी सुन्दर नहीं के उसे देख कर मैं टूट जाऊं। निजी जीवन में उसे हर रोज़ ढूँढा करता हूँ । यह जान कर भी के वो सपनो की रानी है, उसे बेइंतहा मोहब्बत करता हूँ, क्या है उसमे ऐसा भगवान् जाने। मै तो बस इतना जनता हूँ, इस जनम में उसे पलेना चाहता हूँ ।
आँखों में वो अदा कभी तूफ़ान तो कभी मेहरबान, उसके होठों का पास आकर मुश्कुराना अभी भी याद आता है, उसके पास बैठ कर सब भूल सा गया था। उसकी हर छुवन में प्यार का एहसास था, मनो जीवन यहीं ख़त्म है।
मैंने उससे पूछा , कहाँ थीं तुम? वहीँ जहाँ तक तुम मुझे ले जा सकते हो। सपनो से बहार दुइयाँ है, मिलो कभी। बहुत चाहता हूँ तुम्हे, एक पेहेर के बाद फिर सपना टूट जाएगा और तुम्हारी बहुत याद आएगी। बचपन से लेकर आजतक बहुत से सपने देखे होंगे तुमने, बस मै ही याद रहती हूँ ? ऐसा कैसे हो सकता है?
काश तुम हकीकत में मेरे ज़ज़्बातो को समझ पति, मै वासना अकांक्षा और हर प्रकार की अपेक्षा से बढ़ कर तुम्हे चाहता हूँ, तुम मेरी हो तो मै हूँ। मै ने तो अपने माँ से बहुत केहदिया है, मै शादी नहीं करूँगा, तुम नाराज़ हो गईं तो मेरा क्या होगा? तुम शादी करो और बच्चो के बाप भी बनो, मै तुम्हारी कल्पना हूँ, क्या पता जीवन की कल्पना करो तो तुम्हे मै ही मिलूं, तुम्हारा हक़ नहीं बनता मुझसे इतना प्यार करने का, तुम वहां से आते हो जहाँ मै कभी नहीं आसक्ति, भूले भटके तुम्हे मै आँखें खोलने के बाद मिल भी गई, तो तुमहे पहचान भी ना पाऊं।
इतना प्यार किसी और से किया होता तो शायद वो तुम्हे अपनी बेटी देदेता (हस्ते हुए वो बोली)। देखो अब बेहेन सर के बाल नोचने लगी है, मेरे बिना वो खाना नहीं कहती, रात के 12 से दिन के 12 बजादिये हमने। फिर भी अधूरासा दिन लगेगा, अगर तुम सच में मुझसे इतना ही प्यार करती हो तो मुझे मिलो, ये मेरा वादा है तुम्हे फिर किसी की सूरत देखने नहीं दूंगा । कोई पहचान नहीं पाएगा के तुम हो, और मै तुम्हे....
------फिर एक बार -------सपना टूट गया------------------
तुम नहीं मिल सकती, ये सच्चाई है। अगर कोई मिल भी गई तो वो सिर्फ नकल होगी मै जनता हूँ। मैं आँखें बंद करकेही तुम्हे चाहूंगा और तुम मुझे यूहीं मिलती रहना। देख लेना मेरा प्यार सच्चा है तो तुम भी हकीकत में मेरे साथ होगी, नहीं तो एक दिन सदा के लिए आँखें बंद करके तुम्हारा होजाऊंगा। -->
एक सपना जिसे हकीकत में जीना चाहता हूँ,
तू अपनी है तुझे ज़माने से लड़कर पाना चाहता हूँ,
अगर ऐसा नहीं हुआ तो सपनो में ही खोजना चाहता हूँ ।
आज मैंने फिर वही सपना देखा, जिसका कोई वजूद ही नहीं। मैं नहीं जनता उसे देख मुझे क्या हो जाता है, लेकिन दिन बेचैन सा महसूस करता हूँ, नींद टूट जाने पर भी उसे फिर से सपने में देखने की चाहत होती है। वो इतनी भी सुन्दर नहीं के उसे देख कर मैं टूट जाऊं। निजी जीवन में उसे हर रोज़ ढूँढा करता हूँ । यह जान कर भी के वो सपनो की रानी है, उसे बेइंतहा मोहब्बत करता हूँ, क्या है उसमे ऐसा भगवान् जाने। मै तो बस इतना जनता हूँ, इस जनम में उसे पलेना चाहता हूँ ।
आँखों में वो अदा कभी तूफ़ान तो कभी मेहरबान, उसके होठों का पास आकर मुश्कुराना अभी भी याद आता है, उसके पास बैठ कर सब भूल सा गया था। उसकी हर छुवन में प्यार का एहसास था, मनो जीवन यहीं ख़त्म है।
मैंने उससे पूछा , कहाँ थीं तुम? वहीँ जहाँ तक तुम मुझे ले जा सकते हो। सपनो से बहार दुइयाँ है, मिलो कभी। बहुत चाहता हूँ तुम्हे, एक पेहेर के बाद फिर सपना टूट जाएगा और तुम्हारी बहुत याद आएगी। बचपन से लेकर आजतक बहुत से सपने देखे होंगे तुमने, बस मै ही याद रहती हूँ ? ऐसा कैसे हो सकता है?
काश तुम हकीकत में मेरे ज़ज़्बातो को समझ पति, मै वासना अकांक्षा और हर प्रकार की अपेक्षा से बढ़ कर तुम्हे चाहता हूँ, तुम मेरी हो तो मै हूँ। मै ने तो अपने माँ से बहुत केहदिया है, मै शादी नहीं करूँगा, तुम नाराज़ हो गईं तो मेरा क्या होगा? तुम शादी करो और बच्चो के बाप भी बनो, मै तुम्हारी कल्पना हूँ, क्या पता जीवन की कल्पना करो तो तुम्हे मै ही मिलूं, तुम्हारा हक़ नहीं बनता मुझसे इतना प्यार करने का, तुम वहां से आते हो जहाँ मै कभी नहीं आसक्ति, भूले भटके तुम्हे मै आँखें खोलने के बाद मिल भी गई, तो तुमहे पहचान भी ना पाऊं।
इतना प्यार किसी और से किया होता तो शायद वो तुम्हे अपनी बेटी देदेता (हस्ते हुए वो बोली)। देखो अब बेहेन सर के बाल नोचने लगी है, मेरे बिना वो खाना नहीं कहती, रात के 12 से दिन के 12 बजादिये हमने। फिर भी अधूरासा दिन लगेगा, अगर तुम सच में मुझसे इतना ही प्यार करती हो तो मुझे मिलो, ये मेरा वादा है तुम्हे फिर किसी की सूरत देखने नहीं दूंगा । कोई पहचान नहीं पाएगा के तुम हो, और मै तुम्हे....
------फिर एक बार -------सपना टूट गया------------------
तुम नहीं मिल सकती, ये सच्चाई है। अगर कोई मिल भी गई तो वो सिर्फ नकल होगी मै जनता हूँ। मैं आँखें बंद करकेही तुम्हे चाहूंगा और तुम मुझे यूहीं मिलती रहना। देख लेना मेरा प्यार सच्चा है तो तुम भी हकीकत में मेरे साथ होगी, नहीं तो एक दिन सदा के लिए आँखें बंद करके तुम्हारा होजाऊंगा। -->